मध्यप्रदेश को अंतराल के बाद नये चेहरे के तौर पर Mohan Yadav ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है और उनके मंत्रिमंडल का भी गठन हो चुका है। नई और बड़ी जिम्मेदारी के साथ ही चुनौतियों भरी राह पर मोहन यादव अपनी नई राह किस तरह बनाते हैं यह तो आने वाला समय ही बताएगा लेकिन यह सच है कि उन्हें अपने राजनीतिक जीवन में एक महत्वपूर्ण अवसर हासिल हुआ है, पीएचडी और एमबीए तक उच्च शिक्षित होने के साथ-साथ उनके पास राजनीति का भी अच्छा अनुभव है। अब तक शिव के हाथों में सत्ता थी अब प्रदेश मोहन के हवाले है। प्रदेश में अब तक सतत सत्ता में रही भाजपा के प्रदेश सरकार के नए मुखिया की भूमिका बेहद चुनौतीपूर्ण होने वाली है लेकिन जैसा उन्होंने स्टार्ट लिया है लगता तो यह है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सरकार चलाने और निर्णय लेने के तौर तरीके गाहे बगाहे मध्य प्रदेश में भी नजर आते रहेंगे, बहरहाल देखना दिलचस्प होगा कि उनके नेतृत्व में प्रदेश में विकास और भाजपा दोनों किस तरह से ऊंचाई प्राप्त करेंगे, उम्मीदें हैं और काबिलियत भी, बस इंतजार कीजिए, उन्हें समय दीजिए देखें क्या कुछ नया होता है मध्यप्रदेश और प्रदेश की राजनीति में।
एमबीए और पीएचडी हैं
25 मार्च 1965 को Mohan Yadav का जन्म उज्जैन में हुआ था। वे मध्य प्रदेश के 19वें मुख्यमंत्री हैं, वे उज्जैन दक्षिण निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं, वे इसी क्षेत्र से विधायक हैं और राजनीति की गहरी समझ भी रखते हैं। उन्होंने उज्जैन विश्वविद्यालय से (बीएससी) की डिग्री के साथ स्नातक की उपाधि प्राप्त की। उन्होंने एलएलबी, मास्टर ऑफ आर्ट्स (एमए) के अलावा मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (एमबीए) और डॉक्टरेट ऑफ फिलॉसफी (पीएचडी) भी की है, कुल मिलाकर उच्च शिक्षित होकर राजनीति के मैदान में अब एक बेहद महत्वपूर्ण और जिम्मेदार भूमिका में वे प्रदेश में नजर आ रहे हैं।
शिक्षामंत्री बने और फिर मुख्यमंत्री
आरंभिक समय से ही उन्हें राजनीति पसंद थी, उन्होंने 2013 में विधानसभा चुनावों में उज्जैन दक्षिण निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा। उन्होंने इस चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार जयसिंह दरबार को 9,652 वोटों से पराजित कर जीत हासिल की। यादव को 73,108 वोट मिले, जबकि दरबार को 63,456 वोट मिले। 2018 के मध्य प्रदेश विधान सभा चुनाव में उज्जैन दक्षिण से फिर विधायक निर्वाचित हुए। उन्होंने इस बार कांग्रेस उम्मीदवार राजेंद्र वशिष्ठ पर 18,960 वोटों से जीत हासिल की। 2020 में वे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली मध्य प्रदेश सरकार शिक्षा मंत्री बने और 2023 तक शिक्षा मंत्री रहे। 2023 में एक बार फिर उसी सीट से उन्होंने चुनाव मैदान में उतरे और जीत हासिल की। इस बार चुनावी जीत उनके लिए खास तोहफा साथ लाई, प्रदेश की सबसे प्रमुख जिम्मेदारी भाजपा हाईकमान ने उन्हें सौंपी और उन्हें नेतृत्व का अवसर प्रदान किया। वे मध्य प्रदेश के 19वें मुख्यमंत्री के रूप में काम करेंगे, साथ ही राजेंद्र शुक्ला और जगदीश देवड़ा उपमुख्यमंत्री बनाए गए हैं।
प्रदेश में भाजपा की राजनीति में अहम बदलाव
अपने ही प्रदेश के मुखिया बनने के बाद उन पर बेहतर कार्य करने और बेहतर सरकार देने का एक दवाब अवश्य होगा। इससे पहले क्योंकि लगातार मुख्यमंत्री के तौर पर शिवराजसिंह चौहान ने प्रदेश का नेतृत्व किया है और उनकी अपनी लोकप्रियता का दायरा बहुत बड़ा है, लेकिन हाईकमान के इस निर्णय और नए परिवर्तन को सभी ने स्वीकारा है और मिलकर सहयोगात्मक तरीके से प्रदेश के विकास के लिए कार्य करने का आश्वसन भी मिला है। प्रमुख बात यह भी है कि अगले वर्ष 2024 में लोकसभा चुनाव होने हैं और ऐसे में प्रदेश की महत्वपूर्ण भूमिका होती है, पार्टी यह भी उम्मीद करेगी कि लोकसभा चुनाव में मध्यप्रदेश से शानदार परिणाम उसे प्राप्त हों और इसके लिए बतौर मुख्यमंत्री मोहन यादव की जिम्मेदारियां काफी बढ़ जाती हैं। फिलहाल मंत्रिमंडल का गठन हो चुका है, नए चेहरों के अलावा वरिष्ठ नेताओं में कैलाश विजयवर्गीय, प्रहलाद पटेल, विजय शाह जैसे चेहरे भी नजर आ रहे हैं, प्रदेश में भाजपा की राजनीति में यह बड़ा और अहम बदलाव माना जा रहा है, प्रदेश के मतदाताओं की भी पैनी नजर सरकार के निर्णयों पर अवश्य होगी, हालांकि उनके मुख्यमंत्री बनने के बाद विकास की उम्मीदें भी हैं क्योंकि वे उच्च शिक्षित हैं और गहन राजनीतिक समझ रखते हैं, केंद्र से प्रदेश के विकास को कैसे और कितना लिंकअप कर पाते हैं यह तो समय ही बताएगा लेकिन उम्मीद की जानी चाहिए कि भाजपा आलाकमान का यह बदलाव प्रदेश और पार्टी दोनों के लिए सुखद और दूरगामी निर्णय वाला साबित हो।
नए नेतृत्व पर उम्मीदें हावी
यहां यह भी उल्लेखित किया जाना जरूरी है कि किसी भी नए नेतृत्व पर उम्मीदें अधिक हावी होती हैं और भरोसा कम होता है, लेकिन यहां सुखद यह है कि हाईकमान का पूरा भरोसा मोहन यादव के साथ है और केंद्र में भी भाजपा की ही सरकार है, रही बात उम्मीदों को पूरा करने की तो आरंभिक दौर आपके निर्णयों का इंतजार करता है और आपके निर्णय ही आपकी पहचान बनाते हैं क्योंकि राजनीति में जो जननेता की छवि हासिल कर पाते हैं उन्हें वाकई बेहद विनम्र और जनहितैषी कार्या के प्रति सजग रहना पड़ता है। उन्हें लेकर जो भी कयास लगाए जा रहे हों लेकिन यह भी याद रखा जाना चाहिए कि कभी कोई परिवर्तन बेहद क्षणिक महसूस होता है लेकिन वह सदियों याद रखा जाता है, वे भलीभांति जानते हैं कि किस तरह राजनीतिक समन्वय, विकास की राह और प्रदेश को बेहतर दिशा में ले जाने का ब्लू प्रिंट तैयार करना है, कम से कम यह उम्मीद उनसे मध्यप्रदेश अवश्य करेगा कि उनके दौर में शिक्षा, रोजगार और व्यवसाय के अवसर बेहतर से श्रेष्ठ होते नजर आएं। More
(फोटोग्राफ गूगल से साभार)