अमेठीअमेठी

देश में जब भी लोकसभा चुनाव हुए हैं तब अमेठी (Amethi) ऐसी सीट रही है जो देश भर के लिए चर्चाओं में रहती है। अमेठी पर पूरे देश की नजर होती है क्योंकि कांग्रेस के लिए यह सीट हमेशा से गढ़ मानी जाती रही है लेकिन 2019 के चुनाव में यह सीट भाजपा के हिस्से चली गई। अमेठी में अब तक चुनाव के आंकड़ों पर नजर डालते हुए देखते हैं कि इस सीट का ऐसा मिजाज आखिर क्यों हैं ? यह सच है कि यहां से चाहे कोई भी जीते या कोई भी हारे लेकिन अमेठी हर बार चर्चाओं में अवश्य रही है।

संजय गांधी से लेकर राहुल गांधी तक सभी प्रत्याशी रहे

अमेठी की बात करें तो लोकसभा चुनाव में यह बेहद चर्चित सीट रहती है। अब तक के चुनावों को देखेंगे तो यहां अधिकांश तौर पर यह कांग्रेस के ही हिस्से रही है। संजय गांधी, राजीव गांधी, सोनिया गांधी और राहुल गांधी सभी इसी सीट से चुनाव लड़कर जीत चुके हैं। दूसरे दलों को भी सफलताएं मिली हैं लेकिन मूल तौर पर यह सीट कांग्रेस के ही हिस्से रही।

चुनाव में अब तक यह हुआ

1967 में पहला चुनाव कांग्रेस के विद्याधर बाजपेयी ने जीता और वे अमेठी पहले सांसद बनें। उन्होंने एबीजेएस के गोकुल प्रसाद पाठक को पराजित किया। 1971 में हुए लोकसभा चुनाव में एक बार फिर कांग्रेस के विद्याधर बाजपेयी ने जीत हासिल की उन्होंने एबीजीएस के गोकुल प्रसाद पाठक को पराजित किया। 1977 के लोकसभा चुनाव में जेपी के रवींद्र प्रताप सिंह कांग्रेस के संजय गांधी को पराजित किया। 1980 में हुए आम चुनाव में कांग्रेस के संजय गांधी जीत हासिल की और उन्होंने रवींद्र प्रताप सिंह को पराजित किया लेकिन वर्ष के अंत में संजय गांधी की विमान दुर्घटना में मृत्यु हो जाने के कारण 1981 में उपचुनाव करना आवश्यक हो गया। 1981 में हुए उपचुनाव में संजय गांधी के भाई राजीव गांधी कांग्रेस की ओर से चुनावी मैदान में उतरे और उन्होंने जीत हासिल की। उन्होंने एलकेडी के प्रत्याशी शरद यादव को पराजित किया। 1984 के आम चुनाव में भी यहां से कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर राजीव गांधी ही मैदान में उतरे थे उनके सामने इस बार उनके छोटे भाई संजय गांधी की पत्नी मेनका गांधी प्रत्याशी थीं। यह चुनाव राजीव गांधी ने भारी भरकम मतों से जीत लिया। 1989 में हुए आम चुनावों में एक बार फिर इस सीट से कांग्रेस की ओर से राजीव गांधी ही प्रत्याशी थे लेकिन इस बार उनके सामने महात्मा गांधी के पोते राजमोहन गांधी जद पार्टी से मैदान में उतरे। यह चुनाव भी राजीव गांधी ने जीत लिया। इस चुनाव में बसपा की ओर से कांशीराम भी मैदान में उतरे थे। 1991 में एक बार फिर हुए चुनाव में यहां से कांग्रेस की ओर से राजीव गांधी ही मैदान में उतरे उनके सामने भाजपा की ओर से रवींद्र प्रताप थे। इस चुनाव में अमेठी में मतदान के बाद कुछ और दौर के मतदान होने पूरे होने से पहले ही राजीव गांधी की हत्या कर दी गई थी। चुनाव प्रक्रिया कुछ दिनों के लिए स्थगित कर दी गई थी लेकिन जून 1991 में वोटों की गिनती हुई राजीव गांधी को मृत्यु के पश्चात यहां से विजयी घोषित किया गया लेकिन यहां उपचुनाव आवश्यक हो गया। 1991 में ही उपचुनाव हुआ और यहां से अबकी कांग्रेस की ओर से सतीश शर्मा प्रत्याशी बनाए गए, उनके सामने भाजपा की ओर से एम.एम.सिंह मैदान में थे। यह चुनाव सतीश शर्मा ने जीत लिया। 1996 में हुए आम चुनाव में इस सीट से एक बार फिर कांग्रेस की ओर से सतीश शर्मा ही प्रत्याशी बनाए गए, इस बार भाजपा की ओर से उनके सामने राजा मोहन सिंह प्रत्याशी थे। इस चुनाव में भी सतीश शर्मा के ही हिस्से विजयश्री रही। 1998 में हुए आम चुनाव में भाजपा के संजय सिंह ने यहां कांग्रेस के प्रत्याशी सतीश शर्मा को पराजित किया। 1999 में हुए आम चुनाव में यहां से कांग्रेस की ओर से प्रत्याशी के तौर पर पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी पत्नी सोनिया गांधी मैदान में उतरीं उन्होंने भाजपा के संजय सिंह को पराजित किया। 2004 के आम चुनाव में यहां कांग्रेस की ओर से प्रत्याशी के तौर पर सोनिया गांधी के पुत्र राहुल गांधी चुनाव में उतरे, कांग्रेस के प्रत्याशी के तौर पर उन्होंने इस सीट से चुनाव जीता और बसपा के चंद्र प्रकाश मिश्रा को पराजित किया। 2009 के आम चुनाव में एक बार फिर यहां से चुनाव कांग्र्रेस प्रत्याशी के तौर पर राहुल गांधी ने ही जीत हासिल की। उन्होंने इस चुनाव में बसपा के आशीष शुक्ला को पराजित किया। 2014 के आम चुनाव में यहां कांग्रेस प्रत्याशी राहुल गांधी के सामने भाजपा ने टीवी एक्ट्रेस स्मृति ईरानी को मैदान में उतारा लेकिन चुनाव में विजयश्री राहुल गांधी के हाथ ही लगी हालांकि राहुल गांधी के पूर्व के चुनावों में उन्हें मिली जीत के अंतर में इस बार कमी आई। 2019 में हुए आम चुनाव में भाजपा की प्रत्याशी स्मृति ईरानी ने कांग्रेस प्रत्याशी राहुल गांधी को पराजित किया और वे ही वर्तमान सांसद भी हैं।

भविष्य के परिणाम का सभी को इंतजार रहेगा

इस सीट को लेकर देश भर में इसलिए चर्चा रहती है क्योंकि अधिकांश यहां से बड़े और प्रभावशाली नेता मैदान में होते हैं। कांग्रेस में देखा जाए तो संजय गांधी, राजीव गांधी, सोनिया गांधी, राहुल गांधी सभी इस सीट से मैदान में उतरे और उन्होंने विजयश्री हासिल की लेकिन यह सीट दूसरे दलों के शक्ति प्रदर्शन के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण रही। वर्तमान लोकसभा में यहां से भाजपा की सांसद स्मृति ईरानी ने कांग्रेस के प्रत्याशी राहुल गांधी को पराजित किया। यह जीत भाजपा के लिए कई मायनों में महत्वपूर्ण थीं और यह हार कांग्रेस के लिए गहरे मंथन का विषय भी हो गई। इस वर्ष 2024 में लोकसभा चुनाव होने हैं इस महत्वपूर्ण सीट पर एक बार फिर पूरे देश की नजरें रहेंगी। यह तो भविष्य ही बताएगा कि यहां से कांग्रेस, भाजपा या अन्य दलों के प्रत्याशी कौन होंगे लेकिन यह सच है कि यह सीट सभी दलों की नजरों में महत्वपूर्ण है और सभी इसे जीतना चाहते हैं। वर्ष 2024 में यहां से कौन जीतेगा और कौन हारेगा यह तो समय बताएगा लेकिन हर दल इसे लेकर अपनी पूरी ताकत अवश्य झोंकेगा। बहरहाल अमेठी चुनाव के भविष्य के परिणाम का सभी को इंतजार रहेगा।
(संदर्भ-विकिपीडिया, सहित विभिन्न समाचार पत्र, न्यूज चैनल)

By Sandeep Kumar Sharma

25 years of journalism in famous Newspapers of the country. During his Journalism career, he has done many stories on Environment, Politics and Films, currently editing the monthly magazine 'Prakriti Darshan', Blogging on Politics, environment and Films. Publication of five books on nature conservation till now.

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