Cabinet Minister Nitin GadkariCabinet Minister Nitin Gadkari

जब भी बात सड़कों की होगी आपको Nitin Gadkari की बात करनी ही होगी, जब भी बात इस दौर में आसान होते सड़क मार्ग के सफर की होगी तो आपको नितिन गडकरी अवश्य याद आएंगे। राह आसान बनाना कोई उनसे सीखे, बात पार्टी की हो या उनके अपने मंत्रालय के कार्यों की या सड़कों के उलझे से जंजाल की। सभी जगह उन्होंने अपनी कार्यशैली और सूझबूझ की गहरी छाप छोड़ी है, खरे हैं इसलिए अधिकांश आप उनकी विभिन्न मंचों से मुखरता देख सकते हैं। कहा जाता है कि राजनीति में कोई भी दौर आसान नहीं होता, न जीत का और न ही हार का। जीत में आप दोबारा लौटने की तैयारी में चिंतित होते हैं और हार में आप सत्ता तक पहुंचने में चिंतित रहते हैं, लेकिन जो जानते हैं वह यह मानते हैं कि गडकरी हमेशा से शांत चित्त नजर आए हैं और इसी अंदाज में उन्होंने चाहे पार्टी का प्रमुख पद हो या सरकार में रहकर प्रमुख मंत्रालय में अपनी गहरी छाप छोड़ी है। एक राजनैतिक हस्ती के तौर पर देखें तो वह बेहद सशक्त हैं, प्रबल हैं, राजनीति के सभी दांवपेंच उन्हें पता हैं, राजमार्गों से सुर्खियों तक गडकरी आपको इसी अंदाज में हर बार नजर आएंगे। लेकिन वे अपनी शांत शैली के कारण अधिक पहचाने जाते हैं।

सड़कों को गति मिली और उससे विकास
भारतीय राजनीति में गडकरी केवल एक नाम नहीं है, वे एक ऐसे राजनेता के तौर पर पहचाने जाते हैं जिनके लिए अपने लक्ष्य और कर्म ही सर्वोपरि हैं। पूर्ण निष्ठा, ईमानदारी और तत्परता से अपने लक्ष्य तक समय पर पहुंचने का उनका अंदाज उनके मंत्रालय के कार्यो में भी परिलक्षित हो रहा है, देश देख रहा है सड़कों को गति मिली और उससे विकास को भी। उनके अंदाज के खरेपन की तरह ही उनकी कार्यशैली भी खरी है। अपनी बात को सीधे तौर पर कह देना उन्हें पसंद है यही कारण है कि वे चर्चाओं में बने रहते हैं, गाहे-बगाहे आप देश के किसी भी हिस्से में हों लेकिन एक बात जो सभी दूर आप सुनते रहेंगे कि देश में सड़कों का काम तो हुआ है, गडकरी जी का मंत्रालय अपने काम और गति को लेकर पहचान पा रहा है तो यह कहा जाए कि वह दिन लद गए जब सड़कों की बदहाली भी चुनावी मुद्दा हुआ करती थी, बहरहाल जो गडकरी के बारे में जानते हैं, समझते हैं उन्हें पूरा भरोसा है और वह यह कहने से नहीं चूकते कि वह चाहे जिस मंत्रालय में हों वहां सिस्टम दुरुस्त हो ही जाता है क्योंकि यही उनके कार्य करने का अंदाज है।

देश के चहेते मंत्रियों में से एक हैं
यहां हम भारतीय जनता पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष गडकरी की बात कर रहे हैं, मौजूदा समय में गडकरी भारत सरकार में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री हैं। उन पर बात करने से पहले उनके बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी देख लेते हैं। उनका जन्म 27 मई 1957 को महाराष्ट्र के नागपुर ज़िले में हुआ। वे कामर्स में स्नातकोत्तर हैं उन्होंने कानून तथा बिजनेस मनेजमेंट की पढ़ाई की है। 2010 से 2013 तक उनके पास भारतीय जनता पार्टी की सबसे प्रमुख जिम्मेदारी थी वे इस दौर में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे। कहा जाता है कि 52 वर्ष की आयु में वे पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बन गए थे और उतनी कम उम्र में उस महत्वपूर्ण जिम्मेदारी को संभालने वाले वे पहले अध्यक्ष थे, वे राजनीति में तो पूरी तरह सफल हैं ही लेकिन एक उद्योगपति के तौर पर भी उन्हें खासी सफलता मिली है। गडकरी ने 1976 में नागपुर विश्वविद्यालय में भाजपा की शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से राजनीतिक जीवन की शुरूआत की, 23 साल की उम्र में भारतीय जनता युवा मोर्चा के अध्यक्ष बने। राजनीति का यह सफर अब तक सतत जारी है और अपनी निष्ठा और कार्यशैली के बल पर वे आज भी देश के चहेते मंत्रियों में से एक हैं। अपने ऊर्जावान व्यक्तित्व और सब को साथ लेकर चलने की ख़ूबी की वजह से वे सदा अपने वरिष्ठ नेताओं के प्रिय बने रहे। 1995 में वे महाराष्ट्र में शिव सेना- भारतीय जनता पार्टी की गठबंधन सरकार में लोक निर्माण मंत्री बनाए गए और चार साल तक मंत्री पद पर रहे। मंत्री के रूप में वे अपने अच्छे कामों के कारण प्रशंसा में रहे। 1986 में वे पहली बार विधान परिषद के लिए चुने गए, पिछले 20 वर्षों से विधान परिषद के सदस्य हैं और आखिरी बार 2008 में विधान परिषद के लिए चुने गए। वे महाराष्ट्र विधान परिषद में विपक्ष के नेता भी रहे हैं। उन्होंने अपनी पहचान ज़मीन से जुड़े एक कार्यकर्ता के तौर पर बनाई है।

बुनियादी ढांचे में निवेश के लिए अभियान
उन्होंने 1995 से 1999 तक महाराष्ट्र सरकार के लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के मंत्री के रूप में कार्य किया और इसे ऊपर से नीचे तक पुनर्गठित किया। उन्होंने भाजपा की महाराष्ट्र राज्य इकाई के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया है। गडकरी ने निजी कंपनियों से बुनियादी ढांचे में निवेश के लिए अभियान चलाया जो काफी चर्चित रहा, उनका यह अंदाज सभी को खूब पसंद आया। उन्होंने निजी निवेशकों, ठेकेदारों, बिल्डरों और विभिन्न व्यापार संगठनों के साथ अनेक बैठकें कीं। यह उनके अपने कार्य का तरीका था और काफी हद तक सडकों का कार्य सफलतम पूरा होने के पीछे उनकी कार्यशैली महत्वपूर्ण रही है। उनके कार्यां को देखते हुए केंद्र सरकार ने उन्हें राष्ट्रीय ग्रामीण सड़क विकास समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया। कई बैठकों और अध्ययनों के बाद, गडकरी ने अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपी और भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के समक्ष रिपोर्ट पहुंची, उनकी नई रिपोर्ट स्वीकार कर ली गई और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, ₹600 बिलियन की एक महत्वाकांक्षी ग्रामीण सड़क संपर्क योजना शुरू की गई, उन्हें 2020-21 के लिए सबसे कुशल संसद सदस्य के लिए पब्लिक लाइब्रेरी नासिक द्वारा स्व. माधवराव लिमये पुरस्कार भी प्रदान किया गया।

उनका विजन उनकी पहचान रहा है
यहां बताना यह भी जरुरी है कि उनके पास विकास को लेकर अपना मंथन और चिंतन था, अपने चिंतन के आधार पर विकास का ब्लू प्रिंट अपने दिमाग में वह हमेशा रखते रहे हैं। यही कारण है कि तुहिन सिन्हा के साथ सह-लिखित अपनी पुस्तक इंडिया एस्पायर्स में उन्होंने देश के लिए अपने विकास विचारों को विस्तार से बताया है, वैसे उनका विजन उनकी पहचान रहा है। हरित ऊर्जा, वैकल्पिक ईंधन और प्रभावी अपशिष्ट प्रबंधन के लिएसंस्थागत समर्थन में वृद्धि, गडकरी की विकास योजना में विशेष महत्व रखती है।

जादुई परिवर्तन पार्टी ने देखे
एक समय ऐसा आया जब भाजपा सतत हार का सामना कर रही थी, दो लगातार लोकसभा चुनाव में पराजय झेलने के बाद दिसंबर 2009 में उन्हें भाजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त किया गया। यह भाजपा के लिए एक कठिन दौर माना जा रहा था और शीघ्र सुधार की आवश्यकता थी। 2013 तक उन्होंने भाजपा राष्टीय अध्यक्ष की भूमिका का निर्वहन किया। उनके नेतृत्व में जादुई परिवर्तन पार्टी ने देखे भी थे। बताया जाता है कि भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में नितिन गडकरी ने दीनदयाल उपाध्याय के एकात्म मानववाद और अंत्योदय (गरीबों के उत्थान) के सिद्धांतों पर जोर दिया। जनवरी 2013 में गडकरी ने पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। गडकरी ने 2014 का लोकसभा चुनाव नागपुर निर्वाचन क्षेत्र से लड़ा और जीत हासिल की। उन्होंने कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार विलास मुत्तेमवार को 285,000 के अंतर से हराया। उन्होंने 2019 में कांग्रेस पार्टी के नाना पटोले को 216,000 के अंतर से हराकर अपनी सीट बरकरार रखी। गडकरी 29 मई 2014 को नई दिल्ली में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग तथा जहाजरानी मंत्री के रूप में कार्यभार संभाला और 4 जून 2019 से केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री के रूप में कार्यभार संभाल रहे हैं।

उनकी उपलब्धियाँ देश की प्रगति को आगे बढ़ा रही हैं
राजनीति में उनके द्वारा दिए गए बयानों से कई बार वे चर्चाओं में रहते हैं, लेकिन यहां यदि उनके राजनीतिक बयानों से परे हटकर एक मंत्री के तौर उनके सडकों के कार्य पर बात की जाए तो निश्चित ही वे प्रशंसा के पात्र हैं। सड़कें भारत में बुनियादी ढांचे के विकास का महत्वपूर्ण अंग हैं। उन्होंने देश में सबसे लंबे समय तक सेवारत सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री के रूप में एक अलग रास्ता बनाया है। भारत के परिवहन परिदृश्य को बदलने की उनकी अटूट प्रतिबद्धता ने उन्हें काफी लोकप्रिय भी बनाया है, उनकी उपलब्धियाँ देश की प्रगति को आगे बढ़ा रही हैं। गडकरी के नेतृत्व में भारत ने अपने बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में एक उल्लेखनीय परिवर्तन देखा।

नवाचार को प्राथमिकता, चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों में कार्य को प्राथमिकता
पिछली सरकार में राजमार्ग निर्माण की गति जो बेहद धीमी वह 2019 तक आते आते सरपट भाग रही है। ऐसी जानकारी है कि हर साल लगभग 14,000 किमी नए राजमार्ग बनाए जा रहे हैं, जो अपने आप में बेजोड़ उपलब्धि है। यहां कहा जाना चाहिए कि उन्होंने इस दिशा में नवाचार को प्राथमिकता दी और चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों में कार्य को प्राथमिकता के साथ हाथ में लिया और पूरा भी करवाया। शहरी हिस्सों में भीड़ कम करने और लॉजिस्टिक दक्षता में सुधार के लिए एक्सप्रेस वे और रिंग रोड के विकास का भी खुलकर समर्थन किया। गडकरी का दृष्टिकोण समग्र है। जो जानते हैं वह कहते हैं कि वे परिवहन पारिस्थितिकी तंत्र के महत्व को पहचानते हैं और सक्रिय रूप से मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी को बढ़ावा देते रहे हैं। ऐसा नहीं था कि उनके कार्य आसानी से पूरे हो गए, कठिन लक्ष्य को हाथ में लिया और भी बाधाएं सामने आईं वे उनका निवारण करते गए।

उनकी सडकें, उनकी पहचान बन रही हैं
आज वह भारत के बुनियादी ढांचे के परिदृश्य में एक परिवर्तनकारी व्यक्ति के तौर पर पहचाने जाते हैं, उनके अथक प्रयासों ने आर्थिक विकास की राह बनाने में खासी मदद की है। नवाचार और स्थिरता के प्रति उनका समर्पण एक उज्जवल भविष्य का मार्ग प्रशस्त करता है, कहा जाता है कि भारत की सड़कें प्रगति की धमनियों के रूप में कार्य करती हैं, जो देश को विकास के एक नए युग की ओर ले जाती हैं। वह एक नेता के तौर पर बेहद सशक्त हैं, लेकिन उनकी सडकें, उनकी पहचान बन रही हैं। More

संदीप कुमार शर्मा

By Sandeep Kumar Sharma

25 years of journalism in famous Newspapers of the country. During his Journalism career, he has done many stories on Environment, Politics and Films, currently editing the monthly magazine 'Prakriti Darshan', Blogging on Politics, environment and Films. Publication of five books on nature conservation till now.

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